बोझा बांठ सुकाविया अड़्या दड़ाळा कैर।
दड़ी पड़ी हिरण्यां जठै लू बाळै किण बैर॥
भावार्थ:- छोटे-बड़े सभी वृक्ष सुखा दिये गये हैं, केवल बड़े-बड़े करील ही डटे हुए हैं। उन करीलों की ओट में छिपी हुई हरिणियों को ‘लू’ जाने किस पुराने बैर के कारण जला रही है?