बाजै लू इण बेग सूं चोसै जळ तळ सीर।

बेर्‌यां ठम-ठम बाजतां हालै जीव अधीर॥

भावार्थ:- लू इतने तीव्र वेग से चलती है कि पृथ्वी के नीचे तल के पानी तक को चूस लेती है। इसी कारण छोटी-छोटी कुइयों का जल सूख जाने पर प्राणी अधीर हो उठते हैं।

स्रोत
  • पोथी : लू ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : चतुर्थ
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