छंद झपताल
मूंछ आधी रुकम सीस मूंडावीओ।
किसन साळा तणो बोल साबूत कीओ॥
सांघणो बोल आ वाहतो साहीओ।
वडो झूझारपण रथ तळें वाहीओ॥
भणे वलरांम ए कांम कीधो भलो।
धणी द्वारामती हमें कीजें टळो॥
सांमठो साथ ससपाल आंण्यौ सही।
कपट रहीत पण बाल लीला कही॥
किसन मूंक्यो रुकम आपरो भगत कर।
अवगुण तोई अनंत गुण मांन ऊपर॥
फरे जरसिंध ससपाल वण फाबीओ।
मलग्यो वींदणी साथ मारावीओ॥
हार हथीयार हें हरण्य हीरां हसत।
बड़ बड़े लीध उग्रसेन वाळे वसत॥
वड़ वडाइ रस लेसीस वीणारीआ।
अनंतचा चक्रवे खाग ऊतारीआ॥
अनंत पूरे अनंत पळछरां ईछीया।
वेर वारंगना मन्नरा वांछीआ॥
सिंधुरां हैवरां सहित पड़ीया सदी।
नीर रातंबरी पूर चाली नदी॥
पीये पळ प्रघळ कंठ बहू पळछरां।
भाद्रवो माछीओ खेचरां भूचरां॥
चसलके ग्रीधणी चंच भर चळूवळे।
काय तांणी पीये बूढते कंबळे॥
मुंसळे हळे बलदेवरी मंडळी।
कदळी वनसो नांखीया कंदळी॥
मार अर मुंसळे हळे लीधा मळे।
खेत बलदेवरो दीठ सेलो खळे॥
साथ सह साबतो पसुंण पड़ीया सबे।
जांणीओ महातम किसनरो यादवे॥
भाज ग्यो हेम दळ किसन वळीया भई।
खोलीए खेत पण लुंट कांबे लई॥
नरदळे असपती गजपती नरपती।
दुलहणी लावीओ जीप धारामती॥
किसन कारज बने पंथ हेकण कीया।
सेसचो भार उतार आंणी सीया॥