सांयाजी झूला 1575-1656 ईडर रा राजकवि। डिंगळ रा सिरै भगत कवि। 'नागदमण' अर 'रुक्मणी हरण' जैड़ी कृष्ण भगती री रचनावां खातर चावा।
चिंतित रुकमणी रो श्रीकृष्ण नै ब्याव रो संदेश देवणो कृष्ण-चरितर-वरणाव रुकमणी सारु वर बाबत विचार रुक्मणी रो जलम सनेस वाहक रो द्वारका पूगणौ शिशुपाल रो ब्याव सारू रवानै हुवणो अर मारग मांय अपसगुण हुवणा श्रीकृष्ण रो कुंदनपुर मांय स्वागत