सांयाजी झूला
ईडर रा राजकवि। डिंगळ रा सिरै भगत कवि। 'नागदमण' अर 'रुक्मणी हरण' जैड़ी कृष्ण भगती री रचनावां खातर चावा।
ईडर रा राजकवि। डिंगळ रा सिरै भगत कवि। 'नागदमण' अर 'रुक्मणी हरण' जैड़ी कृष्ण भगती री रचनावां खातर चावा।
चिंतित रुकमणी रो श्रीकृष्ण नै ब्याव रो संदेश देवणो
जुद्ध वरणन
कृष्ण-रुकमणी रो ब्याव
कृष्ण-चरितर-वरणाव
रुकम नै दंड देय’नै मुगत करणो
रुकमणी सारु वर बाबत विचार
रुकमणी री आपरै भाई री रिछ्या सारु अरज करणो
रुकमणी रो अंबिका पूजन सारु जावणो
रुक्मणी रो जलम
रुकमणी रो हरण
सनेस वाहक रो द्वारका पूगणौ
शिशुपाल रो ब्याव सारू रवानै हुवणो अर मारग मांय अपसगुण हुवणा
श्रीकृष्ण री राजसभा रो वरणाव
श्रीकृष्ण रो कुंदनपुर मांय स्वागत
श्रीकृष्ण रो विजयी हुय’नै द्वारका पधारणो