तौ खोये खल खाहं मही सु माहं ठौर न ठाहं रिझ राहं।
गिरवर गाहं गोपि ससाहं करै सु हाहं बदि बाहं।
काटे दुख दाहं पड़ै न धाहं बेपरवाहं निज नाहं।
जल जुद्ध अथाहं निकस्या ढाहं लीया लाहं करकिय सांचा सेलं॥