तौ ताते तावं घाले घावं मारे रावं यहु सावं।

बीरा रस चावं पाया डावं आगै पावं है भावं।

स्यंध सु छावं करै सु घावं मिले सु बावं जस गावं।

अगम सु आवं लाधी ठावं कदे जावं जीव ब्रह्मा ऐसे मेलं॥

स्रोत
  • पोथी : रज्जब बानी ,
  • सिरजक : रज्जब जी ,
  • संपादक : ब्रजलाल वर्मा ,
  • प्रकाशक : उपमा प्रकाशन, कानपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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