चीज़ें पर कवितावां

कविता के भाव में कहें

तो चीज़ें वे हैं जिनसे हमारी दुनिया बनती है और बर्बाद भी होती है। यहाँ प्रस्तुत है चीज़ों की उपस्थिति-अनुपस्थिति को दर्ज करती कविताओं का यह व्यापक चयन।

कविता8

छाजळौ

मुकुट मणिराज

मिनख

दुष्यन्त जोशी

कविता कोई ऐर-गैर चीज कोनी

रामेश्वर दयाल श्रीमाली

थिंकिंग

दुष्यन्त जोशी

म्हारा विचार

रतना ‘राहगीर’