प्रतिज्ञा पर काव्य खंड

प्रतिज्ञा किसी कार्य

या कर्तव्य-पालन के लिए व्यक्त दृढ़ निश्चय है। इसे न्याय दर्शन में अनुमान के पाँच अवयवों में से पहला अवयव भी कहा गया है। प्रस्तुत चयन में प्रतिज्ञा को प्रमुख शब्द या आशय की तरह इस्तेमाल करती कविताओं का संकलन किया गया है।

काव्य खंड1

बादल वचन

हेमरतन सूरि