प्रतिज्ञा पर भुजंगप्रयात छंद

प्रतिज्ञा किसी कार्य

या कर्तव्य-पालन के लिए व्यक्त दृढ़ निश्चय है। इसे न्याय दर्शन में अनुमान के पाँच अवयवों में से पहला अवयव भी कहा गया है। प्रस्तुत चयन में प्रतिज्ञा को प्रमुख शब्द या आशय की तरह इस्तेमाल करती कविताओं का संकलन किया गया है।

भुजंगप्रयात छंद1

रणमल्ल री हूंकार

श्रीधर व्यास