तस्वीर पर कवितावां

तस्वीर किसी व्यक्ति,

वस्तु या दृश्य के अक्स के रूप में प्रेक्षक के अंदर विभिन्न भावों को जन्म देती है और यही कारण है कि वह कभी अपनी वस्तुगत उपस्थिति में तो कभी किसी गुज़र चुके पल के रूपक में कविता के इस्तेमाल का निमित्त बनती रही है।

कविता2

फ्रेम में कसियोड़ो आदमी

लक्ष्मीनारायण रंगा