लंबी कविता पर कवितावां

लंबी कविता आधुनिक स्थितियों

की अनिवार्यता की उपज है, जिसमें समकालीनता-बोध एवं यथार्थ के प्रति अतिरिक्त रुझान और समाजेतिहासिक स्थितियों की गहरी समझ ने योगदान किया। इसे कविता की पुरानी प्रबंधात्मकता से मुक्ति की पहली सीढ़ी के रूप में देखा गया है। इस चयन में कुछ चर्चित एवं नई लंबी कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता9

हांचळ रौ हेज

सुमन बिस्सा

लाख टका की बात

लीला मोदी

ओ म्हारो गांव नीं है

मनोज पुरोहित 'अनंत'

जीण कठै है?

गीता सामौर

काळजयी करामात

सुमेरसिंह शेखावत

कविता कोई ऐर-गैर चीज कोनी

रामेश्वर दयाल श्रीमाली

भूचाळ कंई आयौ

नीता कोठारी