काळ पर काव्य खंड

अकाल वह स्थिति है जब

प्राकृतिक आपदा, फ़सल-विफलता, युद्ध अथवा अराजकता के परिदृश्य में अनाज, पशुओं के चारे एवं अन्य आवश्यक खाद्य-सामग्रियों का अभाव उत्पन्न होता है। अस्तित्व पर तत्कालीन संकट और भविष्य पर इसके कुल जमा प्रभाव के रूप में यह मानवीय संवेदना का विषय है जो काव्य में अभिव्यक्ति पाता रहा है।

काव्य खंड1

काळ-दुकाळ

सरदार अली पडिहार