दिन पर दूहा

सूर्योदय से सूर्यास्त

के बीच के समय को दिन कहा जाता है। यह समय, काल, वक़्त का भी अर्थ देता है। दिन समय-संबंधी ही नहीं, जीवन-संबंधी भी है जो रोज़मर्रा के जीवन का हिसाब करता है और इस अर्थ में भाषा द्वारा तलब किया जाता रहता है। इस चयन में प्रस्तुत है—दिन विषयक कविताओं का एक अपूर्व संकलन।

दूहा3

वागड़ी दूहा

कैलाश गिरि गोस्वामी

उनाळो खोटो घणो

आयुषी राखेचा

आ जोगी बंतळ करां

भागीरथसिंह भाग्य