नाच पर गीत

नृत्य को मानवीय अभिव्यक्तियों

का रसमय प्रदर्शन कहा गया है। भारतीय सांस्कृतिक अवधारणा में तो सृष्टि की रचना और संहार तक से नृत्य का योग किया गया है। प्रस्तुत चयन में नृत्य से अभिभूत कविताओं का संकलन किया गया है।

गीत1

मरूधर को मोट्यार

ओमप्रकाश सरगरा 'अंकुर'