टाबर पर दूहा

हिंदी के कई कवियों ने

बच्चों के वर्तमान को संसार के भविष्य के लिए समझने की कोशिश की है। प्रस्तुत चयन में ऐसे ही कवियों की कविताएँ संकलित हैं। इन कविताओं में बाल-मन और स्वप्न उपस्थित है।

दूहा2

टग-मग टग-मग टुगां

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित

बालपणै ब्याह

बाबूलाल शर्मा