जातिवाद पर कहाणियां

भारतीय समाज के संदर्भ

में कवि कह गया है : ‘जाति नहीं जाती!’ प्रस्तुत चयन में जाति की विडंबना और जातिवाद के दंश के दर्द को बयान करती कविताएँ संकलित की गई हैं।

कहाणी5

कोढ में खाज

रामस्वरूप किसान

बरसगांठ

मुरलीधर व्यास विशारद

सुर देवता

ओमप्रकाश भाटिया

गळी जिसी गळी

सांवर दइया

अलेखूं हिटलर

विजयदान देथा