अद्भुत रस पर दूहा

जब किसी जीव के मन में

विचित्र अथवा आश्चर्यजनक वस्तुओं को देखकर जो विस्मय आदि का भाव उत्पन्न होता है , उसे अद्भुत रस कहा जाता है।आँसु आना, रोमांच, गद्गद होना, काँपना, आँखे फाड़कर देखना

दूहा3

बंधण हारे बंधेऔ

हरदास मीसण

वाही रांण प्रतापसी

पृथ्वीराज राठौड़

वाही रांण प्रतापसी

पृथ्वीराज राठौड़