विप्र सुदामा बार, कोड़ां धन लायौ किसन।
वधण चीर विसतार, सरदा घटगी सांवरा॥
भावार्थ:- विप्र सुदामा की जब बारी आई तब तो हे कृष्ण! उसके लिए तुम करोड़ों का धन ले आये किन्तु मेरे चीर का विस्तार बढ़ाने में ही हे श्याम! तुम्हारी शक्ति घट गई।