श्री गणपति को ध्यान धर, विश्वेश्वर कर याद।
जिनके सनमुख होत ही, मिटत अनेक विषाद॥
कवि कहता है कि हे मन! तू श्रीगणपति का ध्यान धर और विश्वेश्वर भगवान् का स्मरण कर, जिनके सम्मुख होते ही अनेक प्रकार के दुःख नष्ट हो जाते हैं।