ओठा दिन आयाह, खोटा मग करव खड़्या।
जुध पंडवजायाह, साय जिताया सांवरा॥
भावार्थ:- हे श्याम! उल्टे दिन आ गए हैं; कौरव खोटे रास्ते पर खड़े है। युद्ध में सहायता करके हे कृष्ण! तुमने सदा पाण्डवों को जिताया था। आज भी उन पर भीड़ पड़ी है, तेरी ही रक्षा का भरोसा है।