सुरभी दीनो स्राप, पाप तिको भुगतण पड़्यो।
एक रिछक हर आप, सदा बचायी सांवरा॥
भावार्थ:- गाय ने जो शाप दिया उसका फल भोगना पड़ा। हे हरि! एक आप ही रक्षक है। आपने सदा पहले रक्षा की है।