पूत सास रे पांच, पांचु इ मौने सूंपिया।
जिण कुल री आ जांच, सरम कठै रै सांवरा॥
भावार्थ:- मेरी सास के पांच पुत्र थे और उसने पाँचों को ही मुझे सौंप दिया। उस कुल के भले बुरे की जाँच तो इसी से हो गई। भला कृष्ण! बताओ तो सही, उस कुल में शर्म कहां रह सकती है?