सासू मंत्र साज, पूत जण्या जे पार का।

ज्यां री पारख आज, सांची ह्वैगी सांवरा॥

भावार्थ:- मेरी सास कुन्ती ने मंत्र सिद्ध करके जो दूसरों से पुत्र पैदा किये उनकी हे कृष्ण! आज सच्ची जाँच हो गई।

स्रोत
  • पोथी : द्रौपदी-विनय अथवा करुण-बहत्तरी ,
  • सिरजक : रामनाथ कविया ,
  • संपादक : कन्हैयालाल सहल ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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