पण राखण आया प्रभू, भल अबला री भीर।
दस हजार गज बळ घट्यौ, घट्यौ न दस गज चीर॥
भावार्थ:- प्रभु अपने प्रण की रक्षा के लिए आये, संकट के समय उन्होंने अबला की सहायता की, यह अच्छा ही किया। चीर खैंचते-खैंचते उस दुःशासन का (जिसमें दस हजार हाथियों का बल था) बल घट गया किन्तु द्रौपदी का दस गज का चीर न घटा।