दोख्यां लाग्यौ दाव, द्रौपत-सुत विनवै खड़ी।
अब तो बेगो आव, साय करण नै सांवरा॥
भावार्थ:- शत्रुओं का दाव लग गया है। द्रुपद सुता खड़ी विनती करती है कि हे सांवरे! अब तो सहायता करने के लिए शीघ्र आ।