चित में दुस्ट कुचाव, औ निलज्ज लायौ अठै।
अब गिरधर झट आव, साय करण नै सांवरा॥
भावार्थ:- इस दुष्ट के चित में बुरा चाव है और यह निर्लज्ज मुझे यहाँ ले आया है। हे गिरिधर! हे साँवरे! सहायता करने के लिए अब शीघ्र ही आ।