द्रोपत दुखियारीह, पूकारी अबळापणै।
मदती हर म्हारीह, करणाकर करस्यो कराँ॥
भवार्थ:- दुखियारी द्रौपदी ने अबला होने के कारण पुकार की। हे हरि! हे करुणाकार! मेरी मदद कब करोगे?