ऐ मिल दुसटी आज, पाल, अनारी पालटै।
लागै कुल नै लाज, सांच रखाज्यौ सांवरा
भावार्थ:- हे श्याम। ये दुष्ट अनाड़ी कौरव आज धर्म का तख्ता पलट रहे है, इन्हें रोक भरतकुल आज लज्जित हो रहा है, हे कृष्ण! सत्य की रक्षा करवाना।