बोल रे! क्रिसन हर रा कुकड़ा, आज अबोलो कांय।
मोतियां री चूण चुगतो, बोल रुड़ी बाण।
पै’लै पो’रै जागिया, जागिया जगदीश।
दुवारका रणछोड़ जाग्या, जागिया तेतीस।
भाग देतां भाख फाटी, ऊघड़्या हटनाळ।
ऊठी पंछी पंथ लागो, दूध मांगै बाळ।
चांद सूरज जोत जाग्या, देवता परकार।
सैंस किरणां सूर ऊगा, सोवणा दीदार।
उड्ड भंवरो फूल बैठो, केतकी निजवार।
गंगा जमना नीर लावो, मोतियां री थूण।
बोल रे! क्रिसन हर रा कूकड़ा, आज अबोलो कांय॥
दूजै पो’रै जागिया, सेवतां सधीर।
देवकी घर का’न जलम्या जात रा अहीर।
मुखां बजावै बांसरी, ओढण चंगा चीर।
रोहि थांरो डाण मांगै, सौदणा रा बीर।
जात छोटी बात मोटी, चिलत खेलै बाळ।
माट फोड़ै मही ढोळै, तिलक तोड़ै हार।
गूजरी गुमान राची, कंस नै पुकार।
कंस मार्यो वंस तार्यो, नाग नाथणहार।
अपदेस कारण सैस नाथ्यो, जै’र ठंडा ठार।
कह ‘देवो’ श्याम सेवो, पिरथमी रा पाळ।
बोल रे! क्रिसन हर रा कूकड़ा, आज अबोलो कांय।
मोतियां री चूण चुगतो, बोल रुड़ी बाण॥