“खुदौखुद भगवांन ई मोटा हिसाबी। जणा-जणा रै सांस रौ पूरौ हिसाब राखै।
बिरखा री छांट-छांट रौ, हवा रै रेसा-रेसा रौ अर धरती रै कण-कण रौ वारै पाखती सही पोतौ।”