शिवराज भारतीय
चावा कवि। राजस्थानी री समकालीन कविता मांय आपरी ठावी जिग्यां।
चावा कवि। राजस्थानी री समकालीन कविता मांय आपरी ठावी जिग्यां।
डॉ. शिवराज भारतीय रो जलम 2 जनवरी 1972 नै हनुमानगढ़ जिलै री तैसील नोहर मांय पिताश्री बद्री प्रसाद पारीक अर माता श्रीमती कमला देवी रै आंगणै हुयो। आप भणाई सन्नातकोत्तर हिन्दी, समाजशास्त्र अर राजस्थानी री करी। आप ‘राजस्थानी बाल साहित्य एक आलोचनात्मक अध्ययन’ विषय माथै पीएच. डी. री उपाधि हासिल करी।अबार आप शिक्षा विभाग राजस्थान मांय प्रधानाचार्य रै पद माथै सेवारत है। छप्योड़ी पोथ्यां-: रंग-रंगीलो म्हारो देस, मरुधर आई बिरखा राणी (राजस्थानी बाल गीत संग्रै) उजास रा सुपना (राजस्थानी कविता संग्रै) महकता आंगन, रंग लुटाती वर्षा आई, माँ (हिन्दी बाल गीत संग्रै) आद प्रमुख है। आपरै सिरजण सूं आप परदेस रै भांत भांत रै पाठ्यक्रम मांय रचनात्मक सहयोग दियो है अर आपरो राजस्थानी गीत 'ममता रो मिंदर मा' रो हिन्दी, सिन्धी,पंजाबी अर अंग्रेजी समेत केई भारतीय भासावां मांय उल्थो पण हुयो है।
कवि मुकुट मणिराज ‘उजास रा सुपना’ कविता संग्रै माथै लिखै- “भारतीय जी राजस्थानी भाषा रै आज का कवियां की ओळ में नूवो मील रो पत्थर रोपता लखावै। संग्रै री कवितावां आज का समाज में पसर्योड़ै अंधारे सूं लड़ै अर कोरा उजास का सुपना ई नीं संजोवै वांनै पूरा करणै की आसा बी मन में चितारै। रचनावां आपरी भावभूमि पै खरी उतरै सागै-सागै बुणगट बी सांतरी लखावै। मुक्त छंद में बी रसात्मकता अर लयात्मकता पाठक नै आनंद को अनुभव करावै।“ राजस्थानी रा चावा ठावा कवि डॉ. शिवराज भारतीय री ग़ज़ल, कविता अर वार्ता दूरदर्शन, आकाशवाणी सूरतगढ़ अर बीकानेर सूं प्रसारित हुई है। परदेस री नामी गिरामी पत्र-पत्रिकावां रै मांय आपरी रचनावां राजस्थानी अर हिंदी रै मांय छपती रैवे। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर कांनी सूं राजस्थानी लोकगीतां री कैसिट रिकॉर्डिंग अर सोसल मीडिया रै न्यारै-न्यारै मंचा माथै साहित्य नै घणी ऊंचाई दीनी है।
आपनै सम्मान अर पुरस्कार राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर कांनी सूं ‘रंग-रंगीलो म्हारो देस’ पोथी माथै बाल साहित्य पुरस्कार, श्री भीष्मदेव राजपुरोहत स्मृति राजस्थानी लघुकथा ‘राजस्थानी अलंकरण’ सम्मान, शिक्षा रै क्षेत्र में जिला प्राथमिक शिक्षा परिषद् हनुमानगढ़ कांनी सूं ‘गिज्जू भाई अवार्ड’ अर उपखंड अधिकारी नोहर कानी सूं स्वतंत्रता दिवस माथै सम्मान आद इनाम इकराम मिल्या है।