संत मूलदास जी Marwar रामस्नेही संत कवि। सींथल पीठ रै महात्मा नरायणदास जी वामटसर रा सिष्य अर कालू गांव मांय रामद्वारा रा संस्थापक संत।
चौरासी में दुख घणौ द्वार पधारै म्हारे संत गुरदेवा गोबिंद दरसण पल पल पाऊं हे भईया मेरो मोहन संगड़ो न छाड़ै निसदिन तुम ही तुम कुं सिंवरूं साधो भाई ऐसा मेरै गुरुजी का सरणा साधो भाई देवल की छिब भारी