Anjas

रामनाथ कविया

  • 1808-1878

उत्तर मध्यकालीन चारण कवियों में चावो अर ठावो नांव। द्रौपदी चीरहरण प्रसंग ने लेय'र 72 सोरठा लिख्या जिका 'करुण बहत्तरी' या 'द्रौपदी विनय' नांव सूं घणा चावा अर राजस्थानी साहित्य में महनीय ठौड़ राखै। 'पाबूजी रा सोरठा' आद कुछैक फुटकर रचनावां भी मिळै।