रामदयाल मेहरा जलम: 1962 udaipur kota राजस्थानी कवितावां अर ग़ज़ल में लेखणी सवाई। राजस्थान साहित्य अकादमी में लगोलग सेवा।
अगवाणी नूंया साल की अणबोलो छोड़ो बाबू ही बाप कहल्यां बादळियो जळ भर लायो जाग्या जी करसाण लगन बावळी म्हारा छैल ओळख भूल गयो पांच्यो पिछाण पोळ छूटी बाबूल की रूपा बावळी संभळ क चालो सावणियो लाग्यो