नानूराम संस्कर्ता 1918-2004 bikaner राजस्थानी लोक साहित्य रा चितेरा। 'कळायण' अर ‘दसदेव’ पोथ्यां सूं ठावी ओळखाण।
कविता11 क्यूं भूल रैया निज भासा नै, जो मायड़ राजस्थानी है दस दात : 2. ऊँट दस दात : 3. भींग दस दात : 8. सेवण दस दात : 9. साँगरी
ई-पुस्तक10 दस-दात वसुंधरा री वत्ताइयाँ गांव-गिंगरथ गीतमाळा घर जुवाँई ग्होयी लंकाण-धणी पांचाम्रित सांकळ-संधाण कश्य-काव्य श्री श्याम देव लघु काव्य वात वेदाणा
काव्य खंड4 कळायण : दूजो सर्ग : बीजळ-वेळ कळायण : चोथो सर्ग : मुरधर-मंगळ कळायण : तीजो सर्ग : धूआं-धंवर कळायण : पैलो सर्ग : अुमस-ओग