मेघराज मुकुल
राजस्थानी कविता जातरा रा सिरैनांव कवि-गीतकार। 'सैनाणी' कविता सारु खास पिछाण।
राजस्थानी कविता जातरा रा सिरैनांव कवि-गीतकार। 'सैनाणी' कविता सारु खास पिछाण।
आज सांच नै आंच दाझगी
चंवरी
देस री जवानी
धरती रो हेलो
गीली आंख्यां बाँचसी
जागण री वेळा
काल पछै सुख होसी
क्रान्तियाँ री झळ उठै
मन चेत बावळा
मन री बातां
माटी मुळकी बीज पसीज्या
मौत रो पर्यायवाची
मींजर फूटै, सौरम आवै
मिलण-सिंझ्या
मिनख बापड़ो
पीठ पर धूप
फुलड़ा मत तोड़, धरा धूजै है
रळकायोड़ा मोती
राणी पदमणी
सूळी चढके दुखड़ा हाँस्या
सूरज रै माथै सिंदूर
टूट्या नेम, टेम के सागै