मीराबाई
मारवाड़ व मेवाड़ रा राजपरिवार सूं संबंधित अर जग चावी भगत कवयित्री। कृष्ण भगती विषयक माधुर्य भाव रा पदां खातर चावा।
मारवाड़ व मेवाड़ रा राजपरिवार सूं संबंधित अर जग चावी भगत कवयित्री। कृष्ण भगती विषयक माधुर्य भाव रा पदां खातर चावा।
आली! म्हांनै लागै विंद्रावन नीको
भज मन! चरण-कंवल अविनासी
हेरी! मैं तो दरद-दिवाणी होइ
हूं बूझूं पंडित जोसी!
जावो निरमोहियो! जाणी तेरी प्रीत
जोगिया री प्रीतड़ी है दुखड़ा रो मूळ
कोई कछू कहे मन लागा
माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल
मैं तो सांवरे के रंग राची
पग घुंघरू बांधि मीरां नाची
पपइया रे! पिव की बाणी न बोल
सखी! मेरी नींद नसानी
सुदामा कूं देखत राम हँसे