नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक।
बळतो खेत देख देख, गोडा दींद्या ढाळ
बापू
भोळप
हाल-चाल
हेज करै
ज्हैरी
काचर रो बीज
पोचो प्रेम
प्रेम
सीर