दलपत विजय
तपागच्छीय जैन साधु। हिंदी रा विद्वान नवमीं सदी रा मानीया है पण वास्तविक समै सतरवीं सदी। रचित ग्रन्थ खुमाण रासौ में मेवाड़ रे बापा रावळ सूं लेय'र महाराणा राजसिंह तक रो वरणाव।
तपागच्छीय जैन साधु। हिंदी रा विद्वान नवमीं सदी रा मानीया है पण वास्तविक समै सतरवीं सदी। रचित ग्रन्थ खुमाण रासौ में मेवाड़ रे बापा रावळ सूं लेय'र महाराणा राजसिंह तक रो वरणाव।
मूल नाम: दलपत