भीम पांडिया जलम: 1929 bikaner राजस्थानी मंचीय कविता परम्परा रा खास जातरू। 'हाथ सूं कतर लीनो बोरलो', 'गरीब करोड़पति' आद कविता संग्रै प्रकाशित।
कविता4 उजासो दीसै आभल कोर दरद रा खोल मती चौबारा पण लूंट सकै तो लूं ठोड़ां नै लू’ठाई सू’ लूं’ट हिवडै मायलो हीरक दीप संजोय रे