अतुल कनक
राजस्थानी-हिंदी रा चावा कवि-गद्यकार।
राजस्थानी-हिंदी रा चावा कवि-गद्यकार।
अतुल कनक रौ जलम 16 फरवरी 1967 नै कोटा जिलै री तैसील रामगंजमण्डी में हुयौ। वांरी भणाई हिन्दी, अंग्रेजी अर इतिहास सूं हुई। अतुल कनक अखिल भारतीय कवि सम्मेलनां मांय काव्यपाठ रै साथै आपरी साहित्य जातरा सरू करी, जकी आजलग जारी है। वांरी राजस्थानी छप्योड़ी पोथ्यां इण भांत है— 'आओ, बातां कराँ', 'जूण-जातरा', 'छेकड़लो रास', 'राजस्थानी भासा रो मध्यकाल'। अनुवाद रै रूप में 'मगन धूळ' रै साथै प्रतिभा शतपथी रै उड़िया कविता संग्रै 'हेमांणी' अर रविन्द्रनाथ टैगोर रै उपन्यास 'चोखेर बाली' रौ राजस्थानी उल्थौ पण वां करयौ है। हिन्दी में 'पूर्व्या', गीत संग्रै, 'चलो, चूना लगाऐं', व्यंग्य संग्रै अर 'अंतिम तीर्थंक' उपन्यास आद रच्या। देश-परदेस री नामी गिरामी पत्र-पत्रिकावां रै मांय आपरा लेख अर स्तंभ समै-समै में छपता रैवै। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा अर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान रै राजस्थानी पाठ्यक्रम मांय आपरी रचनावां भणाई जावै। राजस्थानी उपन्यास 'जूण जातरा' माथै केंद्रीय साहित्य अकादमी रौ सर्वोच्च पुरस्कार