राजस्थानी, हिन्दी, उर्दू मांय लेखन। पत्र-पत्रिकावां मांय रचनावां छपी।
आंध्यां चालै है इन्कलाब री
जी देख रह्यो हूं न जिगर देख रह्यो हूं