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अम्बिका दत्त

अम्बिका दत्त

  • जलम: 1956
  • kota

ठावा कवि-गद्यकार। 'नुगरे रा पद' संग्रै सारु खास पिछाण। केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।

अम्बिका दत्त रौ परिचय

जन्म: 20 Jun 1956 | अन्ता,भारत

अम्बिकादत्त रौ जलम 20 जून 1956 नै बारां जिले रै अन्ता कस्बे मांय हुयौ। अम्बिकादत्त राजस्थानी रा चावा कवि-गद्यकार है। बकौल नंद भारद्वाज- “ वां कनै लोक-जीवण अर नुंवै रचनासिल्प री गैरी समझ रै साथै आपरी एक निरवाळी भासा है।“ वै हाड़ौती रा कवियां री मंच परम्परा रा ई ख़ास जातरू है। ‘नुगरे रा पद’ काव्य संग्रै सूं भी वांरी जाजी ओळख हुवै। वांरी रचनावां राजस्थानी री सगळी पत्रिकावां साथै हिंदी री ई लगैटगै हर महताऊ पत्रिका मांय छपती रैवै। वांरी राजस्थानी कवितावां रा केई भासावां मांय अनुवाद व्है चुक्या। सोरम का चितराम, ‘आंथ्योई नहीं दिन हाल, ‘नुगरे रा पद’ वांरा चर्चित कविता संग्रै है। इण रै अलायदा ‘लोग जहाँ खड़े हैं, दमित आकांक्षाओं का गीत, ‘आवों में बारहों मास, ‘कुछ भी स्थगित नहीं, ‘रमतेराम की डायरी’ आद वांरी हिंदी पोथियां है। वांनै अलेखूं मान-सम्मान मिल्या है, जिणमें आवों में बारहों मास’ पर राजस्थान साहित्य अकादमी रौ सर्वोच्च ‘मीरा पुरस्कार’ अर हाड़ौती उत्सव कानी सूं ‘मायड़ भासा गौरव’ सम्मान सामिल है। अम्बिकादत्त नै वांरै राजस्थानी कविता संग्रै ‘आंथ्योई नहीं दिन हाल सारु केंद्रीय साहित्य अकादमी रौ सर्वोच्च पुरस्कार पण मिल्यौ।