क्या मैं भूखा विप्र उठाया, अन दोसा ने दोस लगाया।
के मैं कुल की लाज किन्हीं, दुर्बल कूं दान न दीना।
क्या मैं कुमारी कन्या मारी, क्या मैं चरती गो बिडारी।
क्या मैं झूठी गवा लिखाई, ठोकर दे के गऊ उठाई।
के मैं सासु ननंद सताई, के मैं पुत्र बीछोवा माई।
के मैं हरियो पीपल तोडियो, पंछी को कंठ मरोडियो।
या मैं पापां करी कमाई, जांसू वर शिशुपाल घड़ाई।
के मैं झूठी दीनी साखी, के मैं काटी बरत कुआं की।
के मैं मारियो सगो जमाई, के कन्या को भाग ले खाई।
क्या म्हानै पग से पग धोया, क्या दिवला से दिवला जोया।
क्या कम का द्रव्य ले खाया, क्या पग से कांसा टल गाया।
क्या सासू ननंद ने गाली देनी, क्या पति पहले भोजन कीनी।
क्या खोटा कर्म कमाया, तासै वर शिशुपाल आया॥