दूहा

महासंकट मेटणी, भेंटण सुख भरपूर।
देवी दाळद दाटणी, काटण कष्ट करूर॥

सगत लम्बोदर सुरसती, माधव ब्रह्म महेस।
महर करो खट मूरती, कुकृम मेट कळेस॥

हेमाळै लग हाकड़ौ, सगती दियौ सुकाय।
रोळ्या राकस रसा रा,थान तनोट थपाय॥


छंद - नाराच

सलील सीर, माह नीर, तीर आय ताकड़ा।
समंद सोस, केइ कोस, होस मेट हाकड़ा।
महा समथ्थ, हेक हथ्थ, ज्यों अगस्थ जारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

पछंम देस, बीच पेस, खान रेस खैंचणी।
रमां अकाज, रोळ राज, मेट गाज मेदणी।
इळा अपार, मन्द मार, संत काज सारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

अहीज आय, भ्रात खाय, प्योध जाय पोगणी।
सतै पयाळ, ले संभाळ, ज्वाळ रूप जोगणी।
पियूख लाय, पांण पाय, जीव रोग जारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

नरेन्द्र आय, सीस नाय, साय काज सेवियं।
करै कृपाळ, प्रत्तिपाळ, दुख्ख टाळ देवियं।
तणू तराय, हो सहाय, चाळराय चारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

पछाड़ पांण, जोध जांण, मांण दैत मेटणी।
महानमुण्ड, मेख खण्ड, चण्ड ही चपेटणी।
सुरों सहाय, आप आय, धाय सूळ धारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

महा गरंद, बीच मंद, मेट फंद मातही।
थपाय थांन, आसमांन, जुग्ग जांण जातही।
अति अपार, रूप धार, वेद च्यार वारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

अनाद आद, हेन म्याद, ज्यौं जुगाद जाणणी।
असूर अपार, मेट माद, सुर्‌र काज सारणी।
अती अपार, रूप धार, वेद च्यार वारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥

चतूर जात, तूज चात, आत सर्‌रण आपरी।
अखूट अन्न, धान धन्न, मोज मन्न मात री।
कळेस कंस, मेट अंस, वेद वंस वारणी।
तनोट राय, तुं सहाय, तीन लोक तारणी॥


छप्पय

सिमरौं कर नित साय, आय सगत उतावळीह।
सिमरौं कर नित साय, केहर चढ़ महाकाळीह।
सिमरौं कर नित साय, दुष्ट हरण डाढ़ाळीह।
सिमरौं कर नित साय, धावौ धाबळवाळीह।
विनास करण घर वैरियांह, अरी उखाड़ण आवड़ा।
भवानी दीजौ 'भांवर' नै, भगती तणाह भावड़ा॥
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