टूटोड़ी बंदूक

म्हारा मजबूत कांधा

अर लूंठी भुजावां री ओप,

सीन माथै ऊग्योड़ा घाव

म्हारो गरब-गीरबौ,

अंतस में

हिलोळा खाय रैयो है घाव सुख।

लड़ाई री समाप्ती पछै

कीं सिपायां साथै

म्हें उडीकूं हूं

वां लोगां री बाट

जिका डरप'र खाली करग्या

भोमखंड

अर अबै वै इज

गिणैला म्हारा घाव

म्हने आदरैला।

व्हेय रयो है

म्हारै सांमेळै सारू

नुवैं गीत रौ पसाव

जुद्ध-गीत री चुन रे आधार।

म्हें उडीकूं हूं बाट

म्हारा घाव गिण'र म्हनै आदरणाळां री

नवीं बंदूक देय'र दूजै किणौ जुद्ध में भेजणियै री

हिवड़ै में घाव सुख हिलोरीज़ै है।

स्रोत
  • पोथी : झळ ,
  • सिरजक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : जुगत प्रकासण, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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