खास कीं ई नीं व्है
फगत पांनड़ा झड़ै
अर बिरथा व्है जावै
मतलब औ कै
भेळा व्है जावै उण ई पोथी में
वा पोथा कै जिणनै
कोई नीं पढै...
दरूजां रै बारै
आपरी ल्हौड़ी मौत मर्यां जावै है रूंख।