खास कीं नीं व्है

फगत पांनड़ा झड़ै

अर बिरथा व्है जावै

मतलब कै

भेळा व्है जावै उण पोथी में

वा पोथा कै जिणनै

कोई नीं पढै...

दरूजां रै बारै

आपरी ल्हौड़ी मौत मर्‌‌‌यां जावै है रूंख।

स्रोत
  • पोथी : परंपरा ,
  • सिरजक : पॉल बोरम ,
  • संपादक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थांनी सोध संस्थान चौपासणी
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