इमरत नैं

जे बरतांला विस दांई

तो ठोकर लागणी लाजमी है

सबद इमरत है

अरे! सबदबायरो आदमी भी

-के आदमी है !

स्रोत
  • पोथी : कारो ,
  • सिरजक : प्रमोद कुमार शर्मा ,
  • प्रकाशक : ज्योति पब्लिकेशन्स, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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