आधा थे

आधै सूं जादा

आधी म्हैं

आधै सूं कम।

पावण नै तड़फूं निज अंश

देवण नै तड़फौ

थे आप

इणी कळाप

रचीजै सिस्टी।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : सन्तोष मायामोहन ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम
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