सन्तोष मायामोहन जलम: 1974 bikaner चावी रचनाकार। 'सिमरण' कविता-संग्रै सारु साहित्य अकादेमी पुरस्कार सूं सम्मानित।
आरती बिरछ जळ विरह खाजूवाळै रौ गीत खेल-खेल में मां म्हैं मोर मुकुट थारो ओळयूं पिता थे पुरस थे रचीजै सिस्टी सिमरण सिमरूं तौ थां सूं सीखै कोई थारै बिन टूणो